सोमवार, 22 जून 2015

माँ का खत … बेटे  के नाम 

प्यारे बेटे ,
कैसे हो ,बहुत दिन हुए तुमसे ठीक से बात ही नहीं हुई। बहुत व्यस्त रहते हो तुम आजकल, तुम्हे समय ही नहीं मिल पाता । कल भी तुमसे फोन पर बात करनी चाही पर तुम्हे बहु और बेटे को मॉल घुमाने लेके जाना था तो बात अधूरी ही रह गई। सोचो तो कल की ही बात लगती है। हम किस तरह से घंटों बाते किआ करते थे,समय का पता ही नहीं चलता था यु ही निकल जाता था और अब तो समय ही समय है निकलता ही नही। दो साल हो गए तुम्हे देखे हुए आये ही नहीं तुम। पर तुम भी तो मजबूर हो.…… तुम्हारी पत्नी को तेज गर्मी और सर्दी दोनों ही सहन नहीं होती और यहाँ का पहनावा और रहन सहन भी तो नहीं भाता उसे।  कोई बात नहीं बेटा हमें तो यही जीना है पर तुम उसका ख्याल रखो उसका मन नहीं दुखना चाहिए। 
      अभी कल ही प्रसाद चढाने के लिए लड्डू बनाये थे तो न जाने क्यों आखे नम हो गईं ,लगा तुम कह रहे हो बस इतने से ही माँ, इनसे मेरा क्या होगा। तुम्हे याद है , मेरे हाथ से नई नई चीजे बनवाकर खाना तुम्हे कितना भाता था। कहा करते थे की कॉलेज में भी तुम्हारे खाने की बहुत याद आती है।  अब तो तुम्हे चाव  से मेरे हाथ का खाना खाए  बरसो हो गए और अब तो शायद तुम मेरे हाथ के बनाये खाने का स्वाद भी भूल चुके होंगे। आजकल लो कैलोरी वाला खाना जो भाता है तुम्हे। और मैं भी किसके लिए बनाऊ ,पापा तुम्हारे हार्ट पेशेन्ट हैं और तुम्हारे बिना मैं तो बस जीने के लिए ही खाती हूँ। 
      वैसे तो तुम्हारे  पापा तुम्हे रोज ही याद करते हैं पर कल ही वो मुझसे कह रहे थे की देखो शर्माजी का पोता कितना बड़ा हो गया है ,राजेश भी इतना ही बड़ा था जब हम  मिलकर क्रिकेट खेला करते थे और जब मैं थक जाता था तो मेरे मना  करने के बाद भी वो कैसे मेरे पैर दबाता  था। पापा के पैर दबाना तुम्हारा नियम बन चुका था जिसके बिना न तुम्हे नींद आती थी ना पापा को,जो तुमने नौकरी के बाद भी नहीं तोडा लेकिन पता नही क्यों शादी के बाद तोड़ दिआ शायद अपनी पत्नी के सामने माँ बाप की सेवा करते हुए तुम्हे शर्म आने लगी थी। कोई बात नहीं बेटा वैसे भी अब तुम्हारे पापा के पैरो में दर्द नहीं होता या वो मुझे बताते नहीं हैं ....... . क्युकी तुम जो नहीं हो अब पैर दबाने के लिए। 
      कोई बात नहीं बेटा हमारा क्या है थोड़ा बहुत जीवन बचा है काट लेंगे लेकिन तुम्हारे तो जीने के दिन है ,अपनी पत्नी और बच्चे के साथ एन्जॉय करने के दिन हैं। आजादी से अपनी जिंदगी जियो हम तुम्हे परेशान नहीं करेंगे बस कभी कभी फोन कर लिए करो ,बड़ी याद आती है तुम्हारी। 
अपना ख्याल रखना ,हमेशा खुश रहो। 
                                                                                                                          तुम्हारी माँ 

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